Joshimath Land Subsidence: उत्तराखंड के जोशीमठ से एक खबर निकलकर आई है। जहां पर जमीन धसने के चलते कुछ कदम उठाए गए है। 2023 की शुरुआत से ही जोशीमठ जमीन धंसने के कारण चर्चा में रहा है। बताया जा रहा है की जोशीमठ में भूधंसाव के चलते कई घर हाई रिस्क जोन में आ गए हैं। जिसने जोशीमठ के लोगो की दिल की धड़कन बड़ा दी है। इन हाई रिस्क जोन में आए घरो को केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) ने रहने के लिए बिल्कुल असुरक्षित बताया है।
जोशीमठ में साल 2021 के अक्टूबर माह में कुछ घरों में पहली बार दरारें देखने को मिली थी। जिसके बाद प्रशासन के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। जिसके बाद साल 2022 में यह दरारे और बढ़ गई तब जाकर प्रशासन हरकत में आया। फिर साल 2023 में यह दरारे बहुत ज्यादा बढ़ गई और शहर के नौ वार्डों में 723 घरों में दरारे देखने को मिली।
इसे भी पढ़े:- Uttarakhand Teacher Vacancy 2024: शिक्षा मंत्री ने उत्तराखंड में निकाली 10 हजार पदों पर भर्ती, आयोग को भेजा प्रस्ताव
1200 घर आए हाई रिस्क में | Joshimath Land Subsidence
जोशीमठ से आई भूधंसाव की खबर में बताया जा रहा है की। इस भूधंसाव के चलते जोशीमठ में लगभग 1200 घर हाई रिस्क जोन में आ गए हैं। और इसी के साथ यह घर पहाड़ की ऐसी 14 पॉकेट पर हैं। जहां पर रहना बिलकुल सुरक्षित नहीं है। जिसके चलते हाई रिस्क जोन में आए इन भवनों के लिए एक नक्शा बनाया गया है। सीबीआरआई शासन को सर्वे के बाद रिपोर्ट सौंपी जिसमे शासन से पुनर्वास की सिफारिश की गई है।


जोशीमठ में पिछले वर्ष जमीन धसने के बाद अलग अलग तकनीकी संस्थानों की तरफ से विभिन्न स्तर पर तकनीकी जांच की गई थी। सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिकों की ओर से आकलन किया गया। जिसके बाद पहाड़ पर बने मकानों की दरारों और जमीन में आई दरारों को देखते हुए खतरे का पता लगाया गया।
14 हाई रिस्क जोन चिह्नित | Joshimath Landslide
जोशीमठ की धंस रही जमीन के हाई रिस्क जोन चिह्नित करने के लिए पैरामीटर के हिसाब से आकलन किया गया है। डॉ. अजय चौरसिया ने बताया कि सर्वे के समय सभी घरो और मकानों में आई दरारों का अलग-अलग पैरामीटर के हिसाब से आकलन किया गया। जिसके बाद जमीन के अंदर आई दरारों के लिए भूवैज्ञानिक रिपोर्ट की भी गराना की गई। जिसके आधार पर घरो और मकानों तीन वर्गों में बांटा गया। सर्वे होने के बाद 14 हाई रिस्क जोन चिह्नित किए गए हैं।
इन चिह्नित किए गए जोन को पॉकेट रूप में रखा गया हैं। जहां पर बने मकानों में रहना असुरक्षित बताया गया। यह हाई रिस्क जोन अपर बाजार, सिंघधार मनोहर बाग, लोवर बाजार और मारवाड़ी बाजार में स्थित है। कुछ दिनों पहले जोशीमठ की जमीन का फिजिकल सर्वे भी किया गया था। जिसके बाद बताया गया की लगभग 2500 भवनों में से 1200 भवनों को हाई रिस्क जोन में रखा गया है।
इसे भी पढ़े:- Saharanpur to Ayodhya Mandir Yatra : रामरीला में लक्ष्मण का रोल करके मिली थी प्रेरणा, सहारनपुर के प्रिंस कपिल ने कर दी 850 km की पैदल यात्रा